उत्तर प्रदेश में कांग्रेस लगातार चुनावी असफलताओं का सामना कर रही है, लेकिन इस बार पार्टी ने अपनी रणनीति बदलने का फैसला किया है। आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक नए तरीके से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने राज्य की विधानसभा सीटों को तीन भागों में बांटकर चुनावी योजना बनाई है, जिससे वह जमीनी स्तर पर मजबूती से मुकाबला कर सके।
चुनावी योजना: तीन हिस्सों में बंटेंगी सीटें
कांग्रेस ने विधानसभा सीटों को प्राथमिकता के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया है।
- प्रथम वरीयता:
इसमें 200 सीटों को रखा गया है, जिन पर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंकेगी। इन सीटों का चयन पिछले पांच चुनावों में मिले वोट, अन्य दलों के प्रदर्शन और जातिगत समीकरणों के आधार पर किया जाएगा। दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग की बहुलता वाली सीटों को प्राथमिकता दी जाएगी। - द्वितीय वरीयता:
इसमें 150 सीटें शामिल हैं, जिन पर पार्टी थोड़ा कम लेकिन सुनियोजित तरीके से जोर लगाएगी। - तृतीय वरीयता:
अन्य सीटें इस श्रेणी में रहेंगी, जहां सीमित संसाधनों के साथ रणनीति बनाई जाएगी।
पिछले अनुभवों से सीखा सबक
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच गठबंधन था, जिसमें कांग्रेस को छह और सपा को 36 सीटें मिलीं। हालांकि, विधानसभा उपचुनाव में सपा ने कांग्रेस को केवल दो सीटें दीं, जिससे कांग्रेस असंतुष्ट हो गई। कांग्रेस ने उपचुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया, लेकिन भाजपा को हराने के लिए सपा को समर्थन देने का दावा किया। इसके बावजूद सपा ने अपने मंच पर कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित नहीं किया। नतीजतन, सपा को सिर्फ दो सीटें मिलीं, जबकि भाजपा सात सीटों पर विजयी रही।
अब विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा या नहीं, यह अभी अनिश्चित है। दोनों दल अपनी-अपनी सियासी रणनीतियां तैयार कर रहे हैं।
कार्यक्रम और सक्रियता बढ़ाने पर जोर
कांग्रेस का मानना है कि प्रथम वरीयता वाली सीटों पर विशेष ध्यान देकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- स्थानीय नेताओं को सक्रिय किया जाएगा।
- प्रदेश स्तरीय नेता नियमित रूप से इन सीटों का दौरा करेंगे और विभिन्न मुद्दों पर जनहित कार्यक्रम चलाएंगे।
- पार्टी की रणनीति है कि जनता के साथ सीधे संवाद कर उनका विश्वास जीता जाए।
पार्टी अध्यक्ष का बयान
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा,
"प्रदेश की सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू की जाएगी। संगठन को सक्रिय किया जा रहा है। वरिष्ठ नेताओं से परामर्श लिया जा रहा है, और 200 प्राथमिक सीटों पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हमें जनता का समर्थन मिल रहा है। 2027 के चुनाव में कांग्रेस मजबूती से उभरेगी और भाजपा को हर हाल में हराएगी।"
विशेष जोर: दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग पर
कांग्रेस की रणनीति में सामाजिक समीकरण अहम भूमिका निभा रहे हैं। पार्टी का उद्देश्य दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों की बहुलता वाली सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करना है। इन क्षेत्रों में पार्टी जनहित कार्यक्रमों और स्थानीय स्तर पर संवाद के जरिए प्रभाव बनाने की कोशिश कर रही है।