महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 288 सीटों वाली विधानसभा में गठबंधन ने 236 सीटें जीतकर बहुमत से काफी आगे निकलते हुए अपनी मजबूत स्थिति कायम की। इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद राज्य में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 26 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सुबह राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा। इस दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और महायुति के अन्य प्रमुख नेता उनके साथ मौजूद थे। राज्यपाल ने शिंदे को नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का निर्देश दिया है।
अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चा तेज है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना लिया है। फडणवीस इससे पहले 2014 में बीजेपी-शिवसेना सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
संविधान के अनुसार, मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद पूरी कैबिनेट को भी इस्तीफा देना होता है। ऐसे में मौजूदा मंत्रिमंडल अब औपचारिक रूप से भंग हो चुका है। महायुति के नेताओं और विधायकों की बैठक के बाद जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
शिंदे सरकार का सफर: 30 जून 2022 से 26 नवंबर 2024
एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में शिवसेना के 40 विधायकों के साथ बगावत कर महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर किया था। बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना में इस विभाजन ने उद्धव ठाकरे सरकार को गिरा दिया। इसके बाद 30 जून 2022 को शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
तब ऐसा माना जा रहा था कि शिंदे को उपमुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन बीजेपी आलाकमान ने सभी को चौंकाते हुए शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया।
महायुति की जीत
2024 के विधानसभा चुनाव में महायुति ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए विपक्ष को करारी शिकस्त दी। महायुति के खाते में 236 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस और एमवीए गठबंधन महज 52 सीटों पर सिमट गए।
राजनीतिक समीकरणों पर नजर
देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना इसलिए मजबूत मानी जा रही है क्योंकि वह बीजेपी के सबसे अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। इसके अलावा एनसीपी नेता अजित पवार और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी सामंजस्यपूर्ण कार्यशैली भी उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है।