उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया, सपा ने लगाया भाजपा पर धांधली का आरोप

उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया के दौरान अनियमितताओं की शिकायतों पर सख्त कदम उठाते हुए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

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उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया, सपा ने लगाया भाजपा पर धांधली का आरोप
चुनाव आयोग ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया

उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया के दौरान अनियमितताओं की शिकायतों पर सख्त कदम उठाते हुए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि ये निलंबन प्रदेश के पांच अलग-अलग जिलों—कानपुर, मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद—के पुलिसकर्मियों पर लगाया गया है। कानपुर और मुजफ्फरनगर से दो-दो पुलिसकर्मियों तथा मुरादाबाद से एक पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

चुनाव आयोग की सख्ती

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को पुनः निर्देश दिए हैं कि मतदाताओं की पहचान (आईडी) की जांच केवल मतदान केंद्र के अंदर तैनात चुनाव कर्मियों द्वारा ही की जाएगी। मतदान केंद्र के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों को केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। किसी भी सुरक्षाकर्मी को मतदाताओं को रोकने या उनकी पहचान की जांच करने की अनुमति नहीं दी गई है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यदि किसी पुलिसकर्मी द्वारा मतदाताओं को रोकने या आईडी चेक करने की शिकायत सही पाई जाती है, तो आयोग इसे गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई करेगा।

समाजवादी पार्टी ने लगाए आरोप

नौ सीटों पर चल रहे मतदान के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) ने लगातार सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से चुनाव आयोग को अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज कराई थीं। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए।

अखिलेश यादव ने कहा, "जबसे वोटिंग शुरू हुई है, तबसे लगातार शिकायतें मिल रही हैं। ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग की इंद्रियां काम नहीं कर रही हैं। भाजपा यह चुनाव वोट से नहीं, बल्कि खोट से जीतना चाहती है।"

मतदाताओं को रोके जाने का मुद्दा

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी मतदाताओं के वोटिंग कार्ड चेक कर रहे हैं और उन्हें वोट देने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा, "पुलिसकर्मी इस प्रकार की जांच करने के अधिकारी नहीं हैं। इसके बावजूद वे मतदाताओं को मतदान से रोक रहे हैं।"

उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई सुरक्षाकर्मी उन्हें वोट डालने से रोकता है, तो वे दोबारा मतदान केंद्र पर जाकर अपना वोट डालने का प्रयास करें। अखिलेश यादव ने कई अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के नाम लेते हुए उनकी तुरंत हटाने की मांग भी की।

चुनाव आयोग का एक्शन और भविष्य की तैयारियां

समाजवादी पार्टी की इन शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए।

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि मतदाताओं को डराने-धमकाने की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग का उद्देश्य है कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रहे।

इस घटना ने प्रदेश में चल रही राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और राजनीतिक बयानबाजी की संभावना है।