पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। इस बैठक के बाद, दोनों पहलवानों के हरियाणा विधानसभा चुनाव में संभावित उम्मीदवार के रूप में खड़े होने की अटकलें तेज हो गई हैं। मुलाकात के बाद, वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले, जहां उनकी लगभग 20 मिनट तक चर्चा हुई।
कांग्रेस पार्टी ने विनेश फोगाट को 3 और बजरंग पूनिया को 2 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विनेश फोगाट को चरखी दादरी जिले की दादरी और बाढड़ा सीटों के अलावा जींद की जुलाना सीट पर चुनाव लड़ने का ऑप्शन दिया गया है। दादरी सीट पर विनेश की प्रतिद्वंद्वी उनकी चचेरी बहन बबीता फोगाट हो सकती हैं, जिन्होंने 2019 में BJP के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
वहीं, बजरंग पूनिया को सोनीपत और झज्जर की बादली सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला है। हालांकि, कांग्रेस को सोनीपत से मौजूदा विधायक सुरेंद्र पंवार की टिकट को लेकर फैसला लेना होगा, जो फिलहाल ED केस में जेल में बंद हैं। झज्जर की बादली सीट पर बजरंग की दावेदारी के लिए कांग्रेस को मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स के टिकट को लेकर विचार करना पड़ेगा, जिनके टिकट काटने से ब्राह्मण वोट बैंक नाराज हो सकता है। बजरंग को बहादुरगढ़ और भिवानी सीटों पर भी विकल्प दिए गए हैं, जो जाट बाहुल्य इलाके हैं।
काग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में भूपेंद्र हुड्डा ने विनेश और बजरंग को टिकट देने की सिफारिश की है। उनका मानना है कि पहलवानों को टिकट देने से हरियाणा में कांग्रेस को समर्थन मिल सकता है। हालांकि, विनेश और बजरंग को अंतिम निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी गई है कि वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं और कौन सी सीट चुनेंगे।
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का पेरिस ओलंपिक में 3 फाइट्स जीतने के बाद भी मेडल से चूकने पर स्वागत हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ था, जहां सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनका स्वागत किया और काफिले के साथ गुरुग्राम तक गए। विनेश को किसानों के आंदोलन और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने में उनकी भूमिका के लिए भी जाना जाता है, जिन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते हुए यौन शोषण के आरोपों का सामना किया।
कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकारों की नजर अब इस पर है कि विनेश और बजरंग आखिरकार विधानसभा चुनाव में किस प्रकार की भूमिका निभाते हैं और उनकी राजनीतिक यात्रा कितनी सफल होती है।