केंद्र सरकार ने एक नई पहल के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है। इसका उद्देश्य 14.43 करोड़ ईएसआई लाभार्थियों और उनके परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का व्यापक लाभ प्रदान करना है। इस कदम से कर्मचारी और उनके परिवार देशभर के 30,000 से अधिक सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
यह जानकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने साझा की है। मंत्रालय ने बताया कि यह योजना केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के मार्गदर्शन में बनाई जा रही है। मंत्रालय के अनुसार, ईएसआईसी इस कदम से कार्यबल और उनके आश्रितों तक स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच को और अधिक व्यापक और सुविधाजनक बनाने का प्रयास कर रहा है।
इलाज पर कोई वित्तीय सीमा नहीं
ईएसआईसी के महानिदेशक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस नई साझेदारी के माध्यम से लाभार्थियों को "उपचार लागत पर कोई वित्तीय सीमा के बिना" चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, देशभर के चैरिटेबल अस्पतालों को भी ईएसआई लाभार्थियों के इलाज के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
फिलहाल, ईएसआई योजना के तहत 165 अस्पताल, 1,590 डिस्पेंसरी, 105 डिस्पेंसरी कम ब्रांच ऑफिस (डीसीबीओ) और लगभग 2,900 सूचीबद्ध निजी अस्पताल काम कर रहे हैं।
ईएसआई योजना का विस्तार
पिछले 10 वर्षों में ईएसआई योजना का काफी विस्तार हुआ है। 2014 में यह योजना केवल 393 जिलों में थी, लेकिन अब इसे 687 जिलों तक लागू कर दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि एबी-पीएमजेएवाई के साथ इस योजना के जुड़ने से शेष गैर-कार्यान्वित जिलों में भी इसे प्रभावी बनाया जा सकेगा।
साझेदारी का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ाना है। ईएसआईसी और एबी-पीएमजेएवाई की साझेदारी से ईएसआई लाभार्थियों को एक बड़ा नेटवर्क मिलेगा, जहां वे गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
उपलब्ध सुविधाएं
एबी-पीएमजेएवाई से जुड़ने के बाद ईएसआईसी लाभार्थियों को जो सुविधाएं मिलेंगी, उनमें प्रमुख हैं:
- 30,000 से अधिक सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज की सुविधा।
- माध्यमिक और तृतीयक चिकित्सा सेवाओं का लाभ।
- इलाज के लिए वित्तीय सीमा का न होना।
- स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक अस्पतालों को जोड़ने की प्रक्रिया।
इस पहल के माध्यम से देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे को और अधिक प्रभावी और विस्तारित किया जा सकेगा।